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Jyotish Tips: नवरात्रि पूजा के बीच आ जाएं पीरियड्स तो इस तरह करें पूजा

Jyotish Tips: सभी धर्मों में महिलाओं और पीरियड्स को लेकर कई तरह के नियम बनाए गए हैं। इनके अनुसार महिलाओं को अपवित्र अवस्था में ईश्वर की आराधना नहीं करनी चाहिए। इनके साथ ही कई अन्य बातों का भी ध्यान रखना होता है। यदि इस संबंध में हिंदू धर्म को देखें तो यहां महिलाओं को कुछ […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Mar 22, 2023 15:49
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Jyotish Tips: सभी धर्मों में महिलाओं और पीरियड्स को लेकर कई तरह के नियम बनाए गए हैं। इनके अनुसार महिलाओं को अपवित्र अवस्था में ईश्वर की आराधना नहीं करनी चाहिए। इनके साथ ही कई अन्य बातों का भी ध्यान रखना होता है। यदि इस संबंध में हिंदू धर्म को देखें तो यहां महिलाओं को कुछ खास नियमों का ध्यान रखना होता है।

आचार्य अनुपम जौली के अनुसार यदि महिलाओं नवरात्रि या अखंड पाठ जैसे लंबे अनुष्ठान कर रही हैं और उन्हें बीच में ही पीरियड्स आ जाएं तो भी वे पूजा-पाठ कर सकती हैं। हालांकि इन हालातों में कई चीजें बदल जाती हैं और कुछ सावधानियों का ध्यान रखना होता है। जानिए इनके बारे में

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पीरियड्स के दौरान व्रत रखें या नहीं

आयुर्वेद और धार्मिक ग्रंथों (Jyotish Tips) के अनुसार पीरियड्स में महिलाओं को कमजोरी और थकान अनुभव होती है। इस स्थिति में बेहतर होगा कि वे व्रत न करें। परन्तु यदि कोई सक्षम है और उन्हें इस तरह की समस्या नहीं होती है तो वह आसानी से व्रत रख सकती है।

क्या मंत्र जाप करनी चाहिए

बहुत से लोग मंत्र जाप को लेकर भी प्रश्न पूछते हैं। इसका स्पष्ट उत्तर नहीं में दिया जाता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को माला लेकर या आसन पर बैठकर मंत्र जाप नहीं करना चाहिए। वे चाहें तो इस दौरान मंत्र का मानसिक जाप कर सकती हैं, यानि मन ही मन मंत्र जप कर सकती हैं।

देव प्रतिमा को स्पर्श करें या नहीं

पीरियड्स के दौरान देव प्रतिमाओं का भी स्पर्श करने का निषेध किया गया है। इसके पीछे कई धार्मिक कारण बताए गए हैं। इस स्थिति में बेहतर होगा कि आप किसी दूसरे से पूजा करवा लें अथवा देव प्रतिमा का ध्यान करें। यहां आपको बता दें कि योग शास्त्रों में भी मानसिक ध्यान को बाहरी कर्मकांड और पूजा से उत्तम बताया गया है।

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पूजा अथवा हवन में बैठने के लिए नियम

जहां तक हवन या पूजा का प्रश्न है, इस संबंध में स्पष्ट निषेध किया गया है। पीरियड्स में महिलाओं को पूजा अथवा हवन में नहीं बैठना चाहिए। यदि अत्यावश्यक हो तो हवन और पूजा की तिथि को ही आगे बढ़ा लेना चाहिए। अथवा अपने स्थान पर किसी अन्य को बिठाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Mar 22, 2023 03:45 PM

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