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13 हजार फीट की ऊंचाई, भारत ने चीन की नींद उड़ाई, 10 पॉइंट में जानें दुनिया की सबसे लंबी सुरंग की खासियतें

World Longest Sela Tunnel Features: दुनिया की सबसे लंबी सुरंग तैयार है। उद्घाटन हो गया है और अब यह टनल चीन की नींद उड़ा देगी। इसके साथ ही भारतीय सेना को एक ऐसा हथियार मिल जाएगा, जिसे किसी भी मौसम में इस्तेमाल करके बॉर्डर पर जवानों को तैनात किया जा सकेगा। आइए देश में बनी इस सुरंग की खासियतों के बारे में जानते हैं...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Mar 9, 2024 12:30
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World Longest Tunnel Sela Arunachal Pradesh

World Longest Sela Tunnel Features: 13 हजार फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी सुरंग बन गई है, जिसका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। सेला टनल (Sela Tunnel) अरुणाचल प्रदेश में उस जगह पर बनाई गई है, जहां तापमान -20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है और पेट्रोल-डीजल तक जम जाता है।

ऐसे में जहां तक हेलिकॉप्टर नहीं पहुंच पाते, वहां तक इस टनल के जरिए पहुंचा सकता है। इस टनल पर न बारिश का असर होगा और न ही बर्फबारी का, यानी यह टनल हर तरह के मौसम के अनुकूल है। ऐसे में यह टनल भारतीय सेना का सबसे बड़ा ‘हथियार’ है, जिसके जरिए भारत चीन की नींद उड़ाने के लिए तैयार है। इस डबल लेन टनल को बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने बनाया है।

 

12 महीने चीन बॉर्डर के संपर्क में रहेगी सेना

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश (China-bordering Arunachal Pradesh) में बनी यह सुरंग इलाके में रहने वाले लोगों के साथ-साथ भारतीय सेना के लिए भी फायदेमंद रहेगी। इससे चीन बॉर्डर तक सेना की मूवमेंट आसानी से हो पाएगी। बर्फबारी में भी जवानों को टनल के रास्ते बॉर्डर तक पहुंचाकर दुश्मन को इरादों को नाकाम किया जा सकेगा।

इस टनल से अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर को हर मौसम में बाकी भारत से कनेक्टिविटी मिल जाएगी। लोग और भारतीय सेना गुवाहाटी और तवांग के संपर्क में 12 महीने रहेंगे। तवांग वही इलाका है, जहां साल 2022 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। यह सड़क पहाड़ी दर्रे सेला से गुजरती है। 50 से ज्यादा इंजीनियरों और 800 कर्मचारियों ने सुरंग बनाई।

 

सेला टनल की खासियतें…

  1. 825 करोड़ रुपये में बनी सेला टनल दुनिया की सबसे लंबी और डबल लेन सुरंग है।
  2. फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधारशिला रखी थी।
  3. 7 और 1.3 किलोमीटर लंबी 2 सड़कें बनाई गई हैं। बीच में टर्निंग पॉइंट बनाया गया है।
  4. दोनों सुरंगों को 13116 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ में बारे करके बनाया गया है।
  5. टनल बनने से अरुणाचल प्रदेश के तवांग और दिरांग के बीच की दूरी 12 किलोमीटर कम होगी और 90 मिनट बचेंगे।
  6. छोटी ट्यूब (T1) 1003.34 मीटर और लंबी ट्यूब (T2) 1594.90 मीटर एरिया को कवर करेगी।
  7. टनल-2 की लंबाई 1584.38 मीटर है। इसके अंदर एक ट्यूब ट्रैफिक के लिए और दूसरी एस्केप ट्यूब होगी।
  8. टनल बनाने की ऑस्ट्रियाई टेक्निक का इस्तेमाल करके इसे बनाया गया है।
  9. सेला दर्रा (पास) पर बनी 317 किलोमीटर लंबी बालीपारा-चाहरद्वार-तवांग सड़क पर पहुंचना संभव होगा।
  10. तवांग सेक्‍टर में भारत चीन बॉर्डर LAC तक पहुंचने के लिए यह दर्रा इकलौता रास्ता है। बर्फबारी-बारिश में यह टनल काम आएगी।
First published on: Mar 09, 2024 12:08 PM

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