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World: चार शहरों में चीनी मुखौटा कंपनियों को “फर्जी निदेशक” प्रदान करने वाली भारतीय संस्थाओं पर कार्रवाई

नई दिल्ली: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने गुरुवार को दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में सैकड़ों चीनी मुखौटा कंपनियों को “फर्जी निदेशक” प्रदान करने वाली भारतीय संस्थाओं पर कार्रवाई शुरू की है।सूत्रों के अनुसार “कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने आज दोपहर 3.30 बजे छापेमारी शुरू की थी। विभिन्न राज्यों में ऐसे भारतीय […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Sep 12, 2022 13:10
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नई दिल्ली: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने गुरुवार को दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में सैकड़ों चीनी मुखौटा कंपनियों को “फर्जी निदेशक” प्रदान करने वाली भारतीय संस्थाओं पर कार्रवाई शुरू की है।सूत्रों के अनुसार “कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने आज दोपहर 3.30 बजे छापेमारी शुरू की थी। विभिन्न राज्यों में ऐसे भारतीय संगठन जो सैकड़ों चीनी मुखौटा कंपनियों को फर्जी निदेशक प्रदान कर रहे थे उन पर छापेमारी की गई। दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलुरु और हैदराबाद में ऐसे कंपनियों के कार्यालय में छापेमारी हुई। 25 से 30 एमसीए अधिकारियों की एक टीम है प्रत्येक स्थान पर छापेमारी की, जो अब भी चल रही है।

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सूत्रों के अनुसार  बिना पढ़े-लिखे भारतीय नागरिकों और छोटी नौकरियों में काम करने वाले भारतीय नागरिकों को चीनी शेल कंपनियों के निदेशक पद पर रखा गया। फिलहाल छापेमारी जारी है और इस संबंध में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी ऋण ऐप मामले से संबंधित जांच के संबंध में बेंगलुरु में छह परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था। एजेंसी ने कहा कि संघीय एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत छापेमारी की थी। ईडी ने कहा कि रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड और चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित और संचालित संस्थाओं के परिसरों को तलाशी अभियान में शामिल किया गया था। कई बड़े पदों पर कम पढ़े-लिखे लोगों को रखा गया।

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First published on: Sep 08, 2022 06:16 PM

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