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History: 33000 फीट ऊंचाई पर मिसाइल से हमला, आसमान में जहाज टुकड़ों में बंटा, आग में जलकर मरे 298 लोग

Today History in Hindi: युद्ध के कारण हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित था, लेकिन एयरलाइन को मैसेज नहीं मिला और फ्लाइट का रूट नहीं बदला गया। परिणामस्वरूप फ्लाइट पर मिसाइल अटैक हुआ और उसमें सवार सभी 292 लोग मारे गए। आइए जानते हैं कि अटैक कब और कहां हुआ था?

Malaysia Airlines Flight 17 Crash
Malaysia Airlines Flight 17 Missile Attack Memoir: आज के दिन का इतिहास उस विमान हादसे से जुड़ा है, जो युद्ध के कारण हुआ था। यूक्रेन में गृह युद्ध चल रहा था। अलगाववादियों के कारण हिंसा का माहौल था। इसे देखते हुए कुछ एयरलाइंस ने अपने हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित कर दिए। रूस ने भी अपने हवाई क्षेत्र को उड़ानों के लिए बैन किया, लेकिन मलेशियन एयरलाइंस को इस प्रतिबंध के बारे में पता नहीं चला और उन्होंने फ्लाइट का रूट नहीं बदला। इसलिए जब विमान 33000 फीट की ऊंचाई पर सफर कर रहा था तो रूसी सेना ने हमले की आशंका के चलते मिसाइल अटैक कर दिया। इस मिसाइल ने मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट 17 को टारगेट किया और विमान आसमान में ही आग का गोला बन गया। जहाज के टुकड़े-टुकड़े हो गए औ वह यूक्रेन-रूस बॉर्डर से 40 किलोमीटर दूर खाली मैदान में क्रैश होकर गिर गया। मिसाइल अटैक से हुए प्लेन क्रैश में 283 पैसेंजर्स और 15 क्रू मेंबर्स मिलाकर 292 लोग मारे गए थे। इससे मलेशिया के इतिहास का दूसरा बड़ा विमान हादसा माना गया। क्योंकि इस हादसे से 4 महीने पहले 8 मार्च को मलेशिया की फ्लाइट 370 लापता हो गई थी, जिसका आज तक कुछ पता नहीं चला।  

रूस ने मिसाइल अटैक करने से साफ इनकार किया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मलेशियर एयरलाइंस की फ्लाइट 17 पर मिसाइल अटैक आज से 10 साल पहले 17 जुलाई 2014 को हुआ था। फ्लाइट एम्स्टर्डम एयरपोर्ट से टेकऑफ हुई थी और कुआलालंपुर एयरपोर्ट पर लैंड होनी थी, लेकन यूक्रेन में रूसी सेना इसे मार गिराया। बोइंग 777-200ER का मलबा यूक्रेन के डोनेट्स्क ओब्लास्ट जिले में ह्राबव शहर के पास बॉर्डर से से 40 किलोमीटर दूर गिरा। जांच की जिम्मेदारी डच सुरक्षा बोर्ड (DSB) और डच नेतृत्व वाली संयुक्त जांच टीम (JIT) को सौंपी गई थी, जिसने 2016 में जांच रिपोर्ट सबमिट की। फ्लाइट को यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादी क्षेत्र से लॉन्च की गई सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल द्वारा गिराया गया था। रूसी सरकार ने हवाई जहाज को मार गिराने से इनकार किया। 17 नवंबर 2022 को 2 रूसी और यूक्रेनी अलगाववादी को फ्लाइट MH17 में सवार सभी 298 लोगों की हत्या का दोषी पाया गया। डच अदालत ने यह भी कहा कि उस समय पूर्वी यूक्रेन में लड़ रहे अलगाववादी बलों पर रूस का नियंत्रण था। यह भी पढ़ें:बर्थडे मनाने आना था, लाश बनकर लौटे…पति से हुई आखिरी बात बताते हुए पत्नी बेहोश, सिपाही अजय डोडा में शहीद

हमले के वक्त 3 और फ्लाइट एरिया में थीं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्लेन क्रैश हुआ तो उसमें लगी आग का वीडियो रूसी सेना के लाइव राडार में कैद हुआ। दुर्घटना स्थल की तस्वीरों में टूटे हुए धड़ और इंजन के हिस्से, शव और पासपोर्ट के बिखरे हुए टुकड़े दिखाई दिए। कुछ मलबा घरों के करीब गिरा। शव खेतों में गिरे और कुछ घरों की छतों पर गिरे। वहीं जब मलेशियाई फ्लाइट को मार गिराया गया था, तब 3 अन्य फ्लाइट भी उसी एरिया में उड़ान पर थी। एयर इंडिया फ्लाइट 113 (AI113) दिल्ली से बर्मिंघम जाने वाला बोइंग 787 प्लेन , ईवीए एयर फ़्लाइट 88 (BR88) पेरिस से ताइपे जाने वाला बोइंग 777 प्लेन और सबसे नजदीकी विमान सिंगापुर एयरलाइंस फ़्लाइट 351 (SQ351) थी, जो 33 किलोमीटर (21 मील) दूर थाी और कोपेनहेगन से सिंगापुर जाने वाला बोइंग 777 प्लेन था, लेकिन मिसाइल का हमला मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट पर हुआ। यह भी पढ़ें:भाई का हाथ छूट गया, राखी-सेहरा किसे बांधूगी…बृजेश थापा की शहादत से टूटी बहन, फूट-फूट कर रोए मां-बाप


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