Gold In Eucalyptus Tree: मम्मी-पापा से हम सब ने कभी न कभी तो जरूर सुना होगा कि पैसा पेड़ पर नहीं लगता। सही भी है उसे कमाने के लिए मेहनत भी करनी पड़ती है। लेकिन अगर हम कहें कि पैसों का तो पता नहीं लेकिन सोना जरूर पेड़ पर उगता है, तो! जी हां, हम मजाक नहीं कर रहे हैं, बेशकीमती पीली धातु जो धरती का सीना चीरकर पाताल से निकाली जाती है, वो सच में पेड़ पर भी 'उगती' है।
कंन्फ्यूज! चलिए और पहेलियां नहीं बुझाते और सीधे प्वाइंट पर आते हैं। आपने शायद सुना होगा कि पेड़ पौधे हमारे लिए ऑक्सीजन पैदा करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ पेड़ों की पत्तियों में सोना भी पाया जाता है? एक Research के मुताबिक, यूकेलिप्टस (Eucalyptus Tree) के पेड़ों की पत्तियों में सोने के कण पाए गए हैं। ये यूकेलिप्टस वही सफेदे का पेड़ है, जिसे हम अक्सर अपने आसपास देखते हैं।
मगर ये खबर सुनकर आप अपने पास के पेड़ों की पत्तियां झाड़ने मत निकल जाइएगा। दरअसल ऑस्ट्रेलिया में जहां सोने की खदाने हैं, वहां के पेड़ों की पत्तियों में सोने के कण पाए गए हैं। ऐसा क्यों हुआ, चलिए ये भी हम आपको बताते हैं।
[caption id="attachment_800088" align="alignnone" ] Gold In Eucalyptus Tree[/caption]
सोना कैसे पहुंचता है पत्तियों तक?
ये हम सभी को पता है कि यूकेलिप्टस को बहुत ज्यादा पानी चाहिए होता है। यूकेलिप्टस पेड़ों की जड़ें काफी गहरी होती हैं। जब ये जड़ें सोने की खानों के पास से गुजरती हैं, तो वे सोने के छोटे-छोटे कणों को सोख लेती हैं। ये कण फिर पेड़ के तने और शाखाओं से होते हुए पत्तियों तक पहुंच जाते हैं।
यह है ट्वीट : यह भी पढ़े:Mystery News: मिल गया दुनिया का सबसे पुराना मैसेज, 150 साल से बोतल में था बंदGold In Eucalyptus Tree: सोने की खोज में मददगार
इस रिसर्च से सोने की खोज करने वाले लोगों को बहुत मदद मिल सकती है। पहले, सोने की खानों को ढूंढने के लिए बहुत सारे खनन और ड्रिलिंग की जरूरत पड़ती थी, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान होता था। लेकिन अब, वैज्ञानिक यूकेलिप्टस के पेड़ों की मदद से सोने के संकेतों को ढूंढ सकते हैं।
यदि किसी इलाके में यूकेलिप्टस के पेड़ों की पत्तियों में सोने की मात्रा ज्यादा पाई जाती है, तो इसका मतलब है कि उस इलाके में सोने की खान होने की संभावना ज्यादा होती है। इससे सोने की खोज आसान और कम खर्चीली हो सकती है। यह खोज न केवल सोने की खोज के तरीके बदल सकती है बल्कि पर्यावरण को भी बचाने में मदद कर सकती है।