TrendingMukhtar AnsariArvind Kejriwallok sabha election 2024bihar board resultIPL 2024UP Lok Sabha ElectionNews24Prime

---विज्ञापन---

ISRO-NASA निर्मित उपग्रह NISAR लॉन्च से पहले भारत आने को तैयार

कैलिफोर्निया: ISRO-NASA निर्मित उपग्रह (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार) (NISAR) उपग्रह लॉन्च से पहले भारत आने को तैयार है। भारत में भेजे जाने से पहले इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इसके अंतिम विद्युत परीक्षण की निगरानी की। इसके लिए वह शुक्रवार को कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (जेपीएल) में दौरा करने गए। भूमि और […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Feb 6, 2023 11:30
Share :
प्रतीकात्मक तस्वीर

कैलिफोर्निया: ISRO-NASA निर्मित उपग्रह (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार) (NISAR) उपग्रह लॉन्च से पहले भारत आने को तैयार है। भारत में भेजे जाने से पहले इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इसके अंतिम विद्युत परीक्षण की निगरानी की। इसके लिए वह शुक्रवार को कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (जेपीएल) में दौरा करने गए।

भूमि और बर्फ की सतहों का अधिक विस्तार से अध्ययन करने में मदद करेगा

दरअसल, नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह को लॉन्च करना है। इससे पहले फरवरी के अंत में इसे भारत भेजा जाएगा। यह उपग्रह पृथ्वी की भूमि और बर्फ की सतहों का अधिक विस्तार से अध्ययन करने में मदद करेगा। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि यह उपग्रह पूरे विश्व के लिए भारत-अमेरिका सहयोग का अभूतपूर्व परिणाम बनने जा रहा है। उन्होंने कहा इसके पेलोड का एकीकरण पूरा हो गया है। अब हम आगे के एकीकरण के लिए और अगले साल इसके लॉन्च करने के लिए भारत भेजने का ग्रीन सिग्नल दे दिया है।

और पढ़िए –Chinese Spy Balloon: अमेरिका ने मिसाइल दागकर चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया, देखें वीडियो

और पढ़िए –Bangladesh: ठाकुरगांव में बदमाशों ने हिंदू मंदिरों को बनाया निशाना, देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ी

इस उपग्रह को बनाने के लिए 2014 में साथ आए थे इसरो और नासा 

आगे इसरो अध्यक्ष ने कहा, यह मिशन एक विज्ञान उपकरण के रूप में रडार की क्षमता का एक शक्तिशाली प्रदर्शन होगा और हमें पृथ्वी की गतिशील भूमि और बर्फ की सतहों का पहले से कहीं अधिक विस्तार से अध्ययन करने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि इसरो और नासा ने 2014 में 2800 किलोग्राम वजनी उपग्रह बनाने के लिए हाथ मिलाया था। मार्च 2021 में इसरो ने जेपीएल द्वारा निर्मित एल-बैंड पेलोड के साथ एकीकरण के लिए भारत में विकसित अपने एस-बैंड एसएआर पेलोड को नासा को भेजा था।

और पढ़िए – दुनिया से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें

First published on: Feb 04, 2023 09:42 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

---विज्ञापन---

संबंधित खबरें
Exit mobile version