तेल अवीव/सना: इजराइली सेना और हमास आतंकियों के अंतरयुद्ध के बीच रविवार को एक बड़ी खबर आई है। रिपार्ट्स आ रही हैं कि इजराइली कार्गो (मालवाहक) शिप को ईरान के आतंकवादी संगठन ने हाईजैक कर लिया। इस शिप में अलग-अलग देशों के कुल 52 लोग भी सवार बताए जा रहे हैं। हालांकि दूसरी ओर इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने इस जहाज के अपना होने की बात से इनकार किया है। साथ ही कहा है कि इस जहाज पर कोई भी इजराइली नागरिक सवार नहीं है। बहरहाल, मामला बड़ा ही पेचीदा बना हुआ है, क्योंकि पिछले पिछले 27 घंटे से इस जहाज के ट्रैकिंग सिस्टम पर इसको लेकर कोई भी सूचना नहीं है।
जानकारी मिली है कि इजराइल के स्वामित्व वाले एक मालवाहक जहाज ‘गैलेक्सी लीडर’ को हूती विद्रोहियों के द्वारा हाईजैक कर लिया गया। सूत्रों के मुताबिक इस जहाज को ईरान आधारित आतंकी संगठन ने उस वक्त कब्जे में ले लिया, जब यह लाल सागर से भारत की तरफ बढ़ रहा था। इस जहाज पर दुनिया के कई देशों के 52 लोग सवार बताए जा रहो हैं। एक न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म Axios की एक रिपोर्ट पर गौर करें तो इजराइली अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि देश की एक फर्म के आंशिक स्वामित्व वाले इस जहाज के पिछले करीब 27 घंटे से (खबर लिखे जाने तक) के संबंध में इसके ट्रैकिंग सिस्टम पर कोई सूचना नहीं है। संभवत: इसे ईरान आधारित आतंकी संगठन ने कब्जे में ले लिया, जो यमन के हूती विद्रोहियों से समर्थन प्राप्त हैं। माना जा रहा है कि वो कभी हमला कर सकते हैं।
Israel Defense Forces tweets, “The hijacking of a cargo ship by the Houthis near Yemen in the southern Red Sea is a very grave incident of global consequence. The ship departed Turkey on its way to India, staffed by civilians of various nationalities, not including Israelis. It… pic.twitter.com/D75EFur8rf
— ANI (@ANI) November 19, 2023
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इजराइल का नहीं तो फिर किसका है गैलेक्सी लीडर?
उधर, इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने ऐसी घटना से इनकार किया है। IDF की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपने हैंडलर से एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें इस जहाज के इजराइली होने से इनकार किया गया है। लिखा गया है कि दक्षिणी लाल सागर में यमन के पास हूतियों के द्वारा एक मालवाहक जहाज का अपहरण वैश्विक परिणाम की एक बहुत ही गंभीर घटना है। जहाज तुर्की से भारत के रास्ते पर रवाना हुआ, जिसमें विभिन्न राष्ट्रीयताओं के नागरिक शामिल थे, जिनमें इजराइली शामिल नहीं थे। यह इजराइली जहाज नहीं है। इसी के साथ X पर क्रिप्टो पंकर्ड नामक हैंडलर से जो जानकारी शेयर की गई है, वह और भी चौंकाने वाली है। बताया गया है कि गैलेक्सी लीडर नामक यह जहाज इंडियन रजिस्टर्ड है और इस पर बाहमास का फ्लैग है।
It’s Indian registered pic.twitter.com/XYyqomFNYG
— Crypto Punkard (@cryptopunkard) November 19, 2023
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हूतियों की क्या दुश्मनी है इजराइल से?
उधर, बात आती है कि हूती हैं कौन और इनकी इजराइल के साथ क्या दुश्मनी है तो इसके जवाब में सबसे पहले बता दें कि 1990 में यमन के राष्ट्रपति रहे अली अब्दुल्लाह सालेह की तानाशाही का अंत करने के मकसद से मौलवी बद्र अल दीन अल हूती ने अपने बेटे हुसैन हूती के साथ मिलकर एक संगठन बनाया गया था, जो एक जाति पर आधारित है। जायदी शिया संप्रदाय से जुड़े एक बड़े कबीले हूती की आबादी का ज्यादातर हिस्सा यमन के उत्तरी-पश्चिमी सादा प्रांत में रहता है। राजधानी सना के साथ-साथ पश्चिम और उत्तर-पश्चिमी इलाकों पर भी ये कब्जा जमाए हुए हैं। इसी संगठन की वजह से यमन में 2014 से गृहयुद्ध चल रहा है। माना जाता है कि ईरान की शह पर हूती भी हमास और हिजबुल्लाह की तरह काम करते हैं। दूसरी ओर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात यमन सरकार के साथ हैं। अब जबकि इजराइल में हमास ने हमला बोल दिया तो वहीं उसके साथ हिजबुल्लाह और हूती भी इजराइल के खिलाफ हैं।