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Garry Kasparov: किस तरह शतरंज चैंपियन से रूस में ‘आतंकवादी’ बन गए गैरी कास्पारोव

Gary Kasparov Added To Russia's Terrorists List: पूर्व विश्व शतरंज चैंपियन गैरी कास्पारोव को रूस ने आतंकवादियों की सूची में शामिल किया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर आलोचकों में से एक गैरी ने इस एक्शन पर तंज कसते हुए इसे एक सम्मान बताया है। वह रूस में पुतिन के खिलाफ और लोकतंत्र का समर्थन करने वाले कई आंदोलनों में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Mar 8, 2024 12:37
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Garry Kasparov

Gary Kasparov Added To Russia’s Terrorists List : गैरी कास्पारोव का नाम सुनते ही दिमाग में शतरंज के बोर्ड की तस्वीर बन जाती है। चेस चैंपियन, ग्रांडमास्टर, शतरंज का महानतम खिलाड़ी जैसी उपाधियां पाने के बाद अब उन्हें आतंकवादी का तमगा भी मिल गया है। इस पूर्व विश्व शतरंज चैंपियन का नाम हाल ही में रूस की आतंकवादियों और उग्रवादियों की लिस्ट में शामिल किया गया था। खास बात यह है कि लिस्ट में कास्पारोव के नाम पर एक निशान भी लगा है, जिसका मतलब है कि उनके खिलाफ आतंकवाद के आरोपों में आपराधिक मामला भी शुरू किया गया है। इस रिपोर्ट में जानिए किस तरह और क्यों शतरंज का इस शानदार खिलाड़ी का नाम रूस के आतंकियों में शुमार किया गया।

रूस की फाइनेंशियल मॉनिटरिंग एजेंसी रोस्फिनमॉनिटरिंग ने बुधवार को गैरी कास्पारोव का नाम देश की आतंकवादियों और उग्रवादियों की सूची में जोड़ा था। हालांकि, इस कदम के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। इस लिस्ट में जिन लोगों के नाम शामिल हैं वह बैंक ट्रांजेक्शंस नहीं कर सकते। हर बार अपने बैंक अकाउंट को एक्सेस करने के लिए उन्हें अनुमति लेने की जरूरत होती है। रूस के चेस ग्रांडमास्टर कास्पारोव अब अब अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में रहते हैं। यह जानकारी मिलने पर उन्होंने हैरत जताई है और इसे एक सम्मान बताया है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा कि यह सम्मान मेरी तुलना में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फासीवादी शासन के बारे में ज्यादा बताता है।

राष्ट्रपति पुतिन को बताया आतंकवादी

पॉलिटिको की एक रिपोर्ट के अनुसार कास्पारोव ने कहा कि यह रूस, पुतिन और उनके साथियों को राज्य प्रायोजित टेरर लिस्ट में शामिल करने का सही समय है। उन्होंने यह बात अमेरिका की ओर से जारी उन देशों की एक लिस्ट का उल्लेख करते हुए कही जिनमें ऐसे देश शामिल हैं जो बार-बार अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की घटनाओं को सहयोग उपलब्ध कराते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि क्रेमलिन आलोचना करने वाले लोगों को दबाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। जो लोग सच में हत्याएं कर रहे हैं, जो पुतिन और उनकी गैंग जैसे आतंकवादी हैं, वो हम जैसे लोगों को आतंकवादी घोषित कर रहे हैं, जो रूस में लोकतंत्र की शांतिपूर्ण हस्तांतरण की वकालत कर रहे हैं और इसके लिए अपनी आवाज उठा रहे हैं।

विदेशी एजेंट भी घोषित किए जा चुके

उल्लेखनीय है कि क्रेमलिन ने मई 2022 में कास्पारोव को एक विदेशी एजेंट घोषित किया था। ऐसा एक कथित फाइनेंसिंग को लेकर किया गया था जो उन्हें यूक्रेन से मिली थी। बता दें कि शतरंज के खेल से रिटायर होने के बाद गैरी कास्पारोव व्लादिमीर पुतिन के सबसे मुखर आलोचकों में से एक रहे हैं। रिटायर होने के बाद वह राजनीति में सक्रिय हुए और बहुत कम समय में ही पुतिन के खिलाफ आवाज उठाने वाले एक ताकतवर शख्स के रूप में देखे जाने लगे। इसके साथ ही उन्होंने रूस में लोकतंत्र को वापस लाने की शपथ भी ली थी। कास्पारोव ने यूनाइटेड सिविल फ्रंट की स्थापना भी की है। उनके इस संगठन का मुख्य उद्देश्य रूस की राजनीति में चुनावी लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए जरूरी काम करना है।

पुतिन के कट्टर आलोचकों में से एक हैं

साल 2007 में कास्पारोव ने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया था। इस दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। प्रदर्शन करने के लिए उन्हें 5 दिन के लिए जेल भी भेजा गया था। इसी साल उन्होंने पुतिन के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला भी किया था। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाया। कास्पारोव के अनुसार ऐसा इसलिए नहीं हुआ क्योंकि उनकी पार्टी अदर रशिया कोएलिशन पर रूसी सरकार दबाव डाल रही थी। लेकिन उन्होंने पुतिन के खिलाफ सवाल उठाने बंद नहीं किए। साल 2011-12 में मुक्त और निष्पक्ष चुनाव की मांग करने वाले आंदोलनों के पीछे कास्पारोव की अहम भूमिका थी। उन्होंने ‘विंटर इज कमिंग: व्हाय व्लादिमीर पुतिन एंड एनेमीज ऑफ फ्री वर्ल्ड मस्ट बी स्टॉप्ड’ नाम की एक किताब भी लिखी है।

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First published on: Mar 08, 2024 12:37 PM

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