Birth Control Pills के 7 साइड इफेक्ट

Deepti Sharma

अगर लगातार गर्भनिरोधक गोलियां लेते हैं, तो डिप्रेशन की समस्या होती है। इससे बॉडी में प्रोजेस्टेरोन, एस्ट्रोजेन नामक हार्मोन में गड़बड़ी आती है, जो डिप्रेशन को बढ़ावा देती है।

डिप्रेशन 

जब गोली लेना शुरू करते हैं, तो पीरियड साइकिल के बीच वेजाइनल ब्लीडिंग होती है। हालांकि, बाद में यह समस्या सही हो जाती है। ये शरीर के अलग-अलग लेवल के हार्मोन के साथ तालमेल बैठाती है।

मेंस्ट्रुअल साइकिल

जब महिलाएं पहली बार पिल्स लेती हैं, तो उन्हें जी खराब होने की परेशानी होती है। हालांकि, अगर गोली को खाली पेट की बजाए खाने के साथ लें, तो वोमिटिंग की समस्या नहीं होती है।

वोमिटिंग आना 

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स अलग-अलग टाइप की होती हैं और इसी कारण सिरदर्द और माइग्रेन होता है। ऐसे में अगर कम डोज वाली गोली खाते हैं, तो सिरदर्द कम हो सकता है।

सिरदर्द और माइग्रेन

अगर 6 से लेकर 12 महीने तक सिर्फ प्रोजेस्टिन मेडिसिन का सेवन करते हैं, तो 2-3 किलो तक वेट बढ़ सकता है।

वजन का बढ़ना

डेली गोली का सेवन करने के बाद भी पीरियड मिस हो जाएं, तो एक बार प्रेगनेंसी टेस्ट करवा लेना चाहिए।

पीरियड मिस होना 

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स में मौजूद हार्मोन के कारण कई बार महिलाओं में यौन इच्छा में कमी देखने को मिलती है।

यौन इच्छा में कमी