ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से साल में 365 दिन होते हैं और हर 4 साल बाद Leap Year आता है जिसमें 365 की बजाय 366 दिन हो जाते हैं। आइए जानते हैं क्या है इसका गणित...
सूर्य का चक्कर
दरअसल 365 दिन और 6 घंटे में पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर लगाती है, तब जाकर एक सूर्य वर्ष पूरा होता है और नया साल शुरू होता है।
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4 सालों में 24 घंटे
4 सालों में ये 6-6 घंटे जुड़ते हुए पूरे 24 घंटे हो जाते हैं। इस तरह एक दिन पूरा हो जाता है।
एक एक्सट्रा दिन
इस गणना में हर चौथे साल एक दिन अतिरिक्त जुड़ जाता है और वो साल 366 दिनों का हो जाता है।
फरवरी 29 की...
यह एक्सट्रा दिन ही फरवरी में जुड़ जाता है और हर चौथे साल में फरवरी 29 दिनों की होती है।
फरवरी में ही क्यों
अब प्रश्न उठता है कि ये एक्सट्रा दिन फरवरी में ही क्यों जोड़ा गया? किसी अन्य महीने में क्यों नहीं जोड़ा गया।
ग्रेगोरियन कैलेंडर
दरअसल, जब जूलियन कैलेंडर की जगह ग्रेगोरियन कैलेंडर आया तो साल की शुरुआत जनवरी माह से हुई।
सबसे छोटा महीना
फिर इस एक्सट्रा दिन को फरवरी माह में ही जोड़ा गया क्योंकि यह महीना सबसे छोटा था।