क्यों लगाते हैं देवी-देवताओं की परिक्रमा ?

Ashutosh Ojha

महत्वपूर्ण अनुष्ठान

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की परिक्रमा एक प्राचीन और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। परिक्रमा करने के कई कारण हैं।  आइए जानते हैं...

सम्मान और श्रद्धा

परिक्रमा करना देवी-देवताओं के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करने का एक तरीका है। इसके माध्यम से भक्त अपनी भक्ति और निष्ठा दर्शाते हैं।

मनोकामना पूर्ति

कई लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए देवी-देवताओं की परिक्रमा करते हैं। यह माना जाता है कि परिक्रमा करने से ईश्वर भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

पापों का नाश

यह भी माना जाता है कि परिक्रमा करने से पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है। परिक्रमा के दौरान भक्त अपनी गलतियों का प्रायश्चित करते हैं और ईश्वर से क्षमा मांगते हैं।

आध्यात्मिक उन्नति

परिक्रमा करना आध्यात्मिक उन्नति का एक तरीका भी है। इसके माध्यम से भक्त ईश्वर के करीब जाते हैं और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं।

सकारात्मक ऊर्जा

मंदिरों में सकारात्मक ऊर्जा होती है। परिक्रमा करने से भक्त इस सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करते हैं और नकारात्मक विचारों से मुक्त होते हैं।

एकाग्रता

परिक्रमा करने से मन एकाग्र होता है और चिंताएं दूर होती हैं। यह भक्तों को वर्तमान क्षण में जीने और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने में मदद करता है।

सामाजिक जुड़ाव

परिक्रमा करना सामाजिक जुड़ाव का भी एक तरीका है। इसके माध्यम से भक्त एक दूसरे से मिलते हैं और अपनी आस्था साझा करते हैं।