पीले रंग के बोर्ड पर ही क्यों लिखे जाते हैं रेलवे स्टेशन के नाम, जानें इसका कारण

Ashutosh Ojha

जानें खास वजह

सभी रेलवे स्टेशनों के नाम पीले रंग के बोर्ड पर इसलिए लिखे जाते हैं ताकि ट्रेन का ड्राइवर को एक-जैसा दिखे और पहचानने में आसानी हो। अलग-अलग रंगों के उपयोग से भ्रम की स्थिति बन सकती है।

दूर से स्पष्ट दिखाई देना

पीला रंग दूर से चमकदार दिखाई देता है और आंखों में चुभता नहीं है, जिससे लोको पायलट को स्टेशन का नाम आसानी से पहचान में आता है, चाहे दिन हो या रात।

वैज्ञानिक कारण

पीले रंग की वेवलैंथ 570 से 590 नैनोमीटर होती है, जो इसे लाल रंग से 1.24 गुना ज्यादा स्पष्ट बनाती है। इस कारण यह रंग लंबे दूरी से भी दिखाई देता है।

सुरक्षा की दृष्टि से

लाल रंग को आमतौर पर खतरे का प्रतीक माना जाता है और इसका उपयोग रेलवे में रुकने के संकेत के लिए किया जाता है। इसलिए नाम लिखने के लिए लाल के बजाय पीले रंग का प्रयोग किया जाता है।

सबसे दिलचस्प बात

पीले रंग के बोर्ड पर काले रंग की लिखावट इसलिए चुनी जाती है क्योंकि यह सबसे स्पष्ट और दूर से पढ़ने में आसान होती है। काला रंग पीले पर सबसे ज्यादा नजर आता है।

ट्रेन की गति नियंत्रित  करने में मदद

जब लोको पायलट दूर से ही स्टेशन का नाम देख लेता है, तो उसे ट्रेन की गति को नियंत्रित करने में आसानी होती है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा बनी रहती है।

\

75 साल से इस ट्रेन में लोग  कर रहे मुफ्त में सफर