कब और कैसे करना चाहिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, जानें यहां-

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति नीचे में हो या कमजोर स्थिति में होता है, तब उस समय विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए।

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विष्णु सहस्त्रनाम पाठ

मान्यता है कि जब जातक की कुंडली में बृहस्पति 6,8 या 12 वें भाव में भ्रमण करता है, तो वैसे में जातक को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बेहद जरूरी होता है।

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बृहस्पति ग्रह

जब किसी जातक को पेट से संबंधित समस्या होने लगती है, उस समय विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि बृहस्पति ग्रह का संबंध पेट और लिवर से होता है।

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पेट समस्या

मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में विवाह संबंधित समस्या आती है या संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही है, तो ऐसे में जातक को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करना चाहिए।

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विवाह समस्या

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से पहले स्नान-ध्यान करना बेहद जरूरी होता है। साथ ही पाठ करने से पहले भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए।

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स्नान करने के बाद

मान्यता है कि विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ पीले वस्त्र पहनकर ही करना चाहिए। साथ ही चने, गुड़ या पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

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पीले वस्त्र

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो जातक विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करता है, उसे बृहस्पतिवार शाम को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। बल्कि सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।

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सात्विक भोजन