चुटकुले ही चुटकुले...  पढ़कर नहीं रुकेगी हंसी...

गुंडा (बंदूक तानते हुए) : जिंदगी चाहते हो तो अपना पर्स मेरे हवाले करदो! सरदार जी : यह लो ! गुंडा : कितने मूर्ख हो तुम, मेरी बंदूक में तो गोली ही नहीं है! सरदार जी : और मेरे पर्स में भी कहां रुपये थे!

पति और पत्नी कहीं जा रहे थे। तभी एक भिखारी वहां से गुजरा और आवाज लगाई- ‘ऐ हुस्न की मल्लिका, अंधे को 5 रूपए दे दे।’ पति ने पत्नी की तरफ देखा और बोला-‘दे दो, बेचारा वाकई अंधा है…’

गुंडा (बंदूक तानते हुए) : जिंदगी चाहते हो तो अपना पर्स  मेरे हवाले करदो! सरदार जी : यह लो ! गुंडा : कितने मूर्ख हो तुम, मेरी बंदूक में तो गोली ही नहीं है! सरदार जी : और मेरे पर्स में भी कहां रुपये थे!

मास्टर जी ने स्टूडेंट का लंच पूरा खा लिया और डकारते हुए बोले : बेटा, घर जाकर मेरा नाम तो नहीं लोगे कि मैंने तुम्हारा लंच  खा लिया…। बच्चा मासूमियत के साथ : नहीं मास्टर जी, मैं घर जाकर बोल दूंगा कि…मेरा खाना कुत्ता खा गया…।

गांव की एक औरत ने तेजी से आ रही बस को हाथ दिखाकर रोका ड्राइवर ने अचानक ब्रेक मारा और पूछा: कहां जाना है? ….औरत बोली : जाना कहीं नहीं है…। बच्चा रो रहा है, जरा पों-पों बजा दो…!!