उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निमार्णाधीन सुरंग में 41 जिंदगियां फंसी हैं, जिनकी जान को खतरा है। देखिए रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें...
पिछले 7 दिन से एस्कवेटर और ड्रिलिंग के जरिए मजदूरों को निकालने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब तक बचाव के सारे तरीके फेल रहे हैं।
वहीं मजदूरों को बचाने के लिए टनल के गेट पर एक मंदिर बनाकर पूजा-पाठ शुरू कर दिया गया है। उनके सकुशल लौटने की दुआएं की जा रही हैं।
फंसे मजदूरों में से सबसे ज्यादा 15 लोग झारखंड से हैं। 2 मजदूरों की तबीयत खराब हो गई है, जिनमें से एक को अस्थमा और दूसरे को शुगर है।
मजदूरों के बचाव में जुटी 2 ड्रिलिंग मशीनें खराब हो चुकी हैं। वॉकी-टॉकी से बात कर मजदूरों को हिम्मत बंधाई जा रही है कि जल्द उन्हें बचाया जाएगा।
फंसे मजदूरों में से एक पुष्कर ने अपने भाई विक्रम सिंह से कहा- मैं यहां ठीक हूं। मां को मत बताना कि मैं यहां सुरंग में फंसा हूं, वह चिंता में पड़ जाएगी।
बता दें कि गत 12 नवंबर को उत्तरकाशी में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन टनल भूस्खलन के चलते ढह गई और मलबा आने से एंट्री गेट बंद हो गया।
2021 में उत्तराखंड के चमोली जिले में भी तपोवन टनल ढह गई थी। कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद भी 53 मजदूरों को बचाया नहीं जा सकता था।