यूपी के सहारनपुर में देवबंद के पास बसा मिरगपुर गांव भारत की संस्कृति और परंपराओं का एक अनोखा उदाहरण है।
पवित्र गांव
इस गांव में सदियों से चली आ रही कुछ ऐसी रीति-रिवाज हैं जो इसे देश के सबसे पवित्र गांवों में से एक बनाते हैं।
500 सालों से कोई नहीं छूता नशा
मिरगपुर गांव में नशा करना पूरी तरह से वर्जित है। गांव के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इस परंपरा का पालन करते आ रहे हैं।
शाकाहारी भोजन
गांव में शाकाहारी भोजन ही खाया जाता है। यहां तक कि प्याज और लहसुन तक का सेवन नहीं किया जाता।
दुष्कर्म और छेड़छाड़ से मुक्त
गांव में आज तक दुष्कर्म और छेड़छाड़ जैसी कोई घटना नहीं हुई है।
मिरगपुर का इतिहास
बताते हैं कि 17वीं सदी में राजस्थान के पुष्कर से आए एक सिद्ध पुरुष ने इस गांव में तपस्या की थी और गांव वालों को नशा व मांसाहार से दूर रहने का आशीर्वाद दिया था।
शादी के बाद की परंपराएं
गांव की लड़कियां जब शादी करके ससुराल जाती हैं तो वे गांव की प्रतिज्ञा से मुक्त हो जाती हैं, लेकिन गांव में ब्याह कर आने वाली बहुएं इस प्रतिज्ञा में बंध जाती हैं।
पर्यटन
मिरगपुर गांव पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है। लोग यहां की संस्कृति और परंपराओं को देखने आते हैं।