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यह ब्रह्माण्ड अनंत रहस्यों से भरा हुआ है। ब्लैक होल भी ऐसा ही एक रहस्य है जो आज तक अनसुलझा बना हुआ है।
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ब्लैक होल इस ब्रह्माण्ड का एक ऐसा स्थान है जहां जाने के बाद प्रकाश की किरण भी वापिस बाहर नहीं आ जाती।
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इसे पूरे यूनिवर्स में सबसे शक्तिशाली ब्रह्मांडीय पिंड माना जाता है। यह अपने आसपास के तारों, ग्रहों और अन्य पिंडों को निगल कर बढ़ता जाता है।
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इनका आकार हमारे सूर्य के कम से कम 8 गुणा बड़ा होता है। वैज्ञानिकों ने अभी तक हमारे सूर्य से भी करोड़ों-अरबों गुणा बड़े ब्लैक होल ढूंढ चुके हैं।
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ब्लैक होल को लेकर कई संभावनाएं मानी गई हैं। एक संभावना तो यही है कि यह किसी दूसरे ब्रह्माण्ड में जाने का मार्ग हो सकता है।
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माना जाता है कि हमारे सूर्य से कम से कम 8 गुणा बड़े तारे ही मृत्यु के पश्चात ब्लैक होल में बदल जाते हैं और करोड़ों-अरबों वर्षों तक रहते हैं।
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वैज्ञानिकों के अनुसार ब्लैक होल आकाशगंगाओं में एक इंजन की भूमिका निभाते हैं। इनके जरिए ही गैलेक्सी संचालित होती हैं।
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हर ब्लैक होल के चारों तरफ एक इवेंट होराइजन होता है। यह एक धूल और गैस के बादल जैसी डिस्क होती है।
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