मैनपुरी के सूरज तिवारी की कहानी किसी को भी आगे बढ़ने का हौसला दे सकती है। अपनी मेहनत के बूते उनकी जिंदगी दोबारा रोशनी से जगमगा उठी। आइए जानते हैं...
सूरज ने एक ट्रेन हादसे में दोनों पैर और एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियां गवां दी थी। इसके बाद भी सूरज ने UPSC की परीक्षा क्वालिफाई की।
सूरज ने चार साल तक UPSC की तैयारी की। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ-साथ सूरज ने बगैर किसी कोचिंग के UPSC की पढ़ाई की।
पहले प्रयास में उन्हें सक्सेस तो नहीं मिली लेकिन 2023 में दूसरे अटेम्ट में सूरज ने UPSC में 917वीं रैंक हासिल की।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के रहने वाले सूरज के पिता राजेश तिवारी पेशे से दर्जी हैं। सूरज तिवारी उनके छोटे बेटे हैं।