भाई को इस दिशा में बैठाकर कभी न बांधें राखी, जीवन भर रहता है दुर्भाग्य का साया
रक्षा बंधन का त्योहार इस साल 30 और 31 अगस्त दोनों ही दिन मनाया जा रहा है। रक्षा बंधन की परंपरा के अनुसार, इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनसे अपनी रखा का वजन लेती हैं।
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कब है रक्षा बंधन
हालांकि रक्षा बंधन पर वास्तु शास्त्र की बारीकियों का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। क्योंकि ऐसा नहीं करने पर रक्षा बंधन मनाने का कोई मतबल नहीं रह जाता है।
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वास्तु नियम
सही दिशा
वास्तु शास्त्र के जानकारों के मुताबिक, रक्षा बंधन के दिन भाई को कभी भी उत्तर-पश्चिम दिशा में बैठाकर राखी नहीं बांधनी चाहिए। दरअसल इस दिशा में बैठकर राखी बंधनवाने से बहन और भाई दोनों की उम्र कम होती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, राखी बांधते वक्त बहन और भाई दोनों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बहन का चेहरा दक्षिण दिशा की ओर ना रहे। राखी बांधते वक्त भाई को उत्तर-पूर्व दिशा की ओर देखना शुभ है।
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दक्षिण दिशा में ना बांधें राखी
बहने भाई की कलाई पर ऐसी राखी ना बांधें जिसमें काले रंग के धागे का इस्तेमाल किया गया हो। या फिर राखी खंडित, अशुभ चिह्नों वाली और प्लास्टिक की ना हो।
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इस रंग की ना हो राखी
रक्षाबंधन से पहले क्या करें
रक्षा सूत्र बांधते वक्त भाई को जमीन पर बैठाएं। भाई को किसी शुद्धा आसन या पीढ़े पर बैठाएं। इसके बाद उनसे सिर पर कोई रुमाल या साफ कपड़ा रखें, फिर राखी बांधें।
ऐसी राखी होती है शुभ
रक्षा सूत्र बांधते वक्त भाई को जमीन पर बैठाएं। भाई को किसी शुद्धा आसन या पीढ़े पर बैठाएं। इसके बाद उनसे सिर पर कोई रुमाल या साफ कपड़ा रखें, फिर राखी बांधें।
मंत्र
भाई की कलाई पर राखी बांधते वक्त बहनों को 'येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:' इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। राखी बांधने के लिए यह मंत्र बेहद शुभ है।