जॉब-बिजनेस में सफलता के लिए बेहद कारगर है यह रत्न

ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का खास महत्व है। कहते हैं कि रत्न के चमत्कारिक प्रभाव से रंक भी राजा बन सकता है।

ज्योतिष शास्त्र

ज्योतिष शास्त्र में पुखराज का संबंध बृहस्पति ग्रह से बताया गया है। बृहस्पति को देवता का गुरु कहा गया है। 

पुखराज

कुंडली में गुरु ग्रह के मजबूत होने से शिक्षा में सफलता मिलती है। साथ ही जातक की दिन-रात तरक्की होती है।

शिक्षा में सफलता

जिन जातकों की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है, उनके लिए पीला पुखराज वरदान साबित होता है।

पीला पुखराज

पुखराज को प्रभावशाली रत्न माना गया है। इसको धारण करने से जातक अपने लक्ष्य से भटक नहीं है।

प्रभावशाली रत्न

पुखराज धारण करने से सुख-समृद्धि आती है। साथ ही साथ निर्णय क्षमता भी बढ़ती है।

सुख-समृद्धि

प्रशासनिक सफलता

पुखराज प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता दिलाने में मददगार साबित होता है। इसको धारण करने से प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता मिलती है।

कब पहने पुखराज 

पुखराज को धारण करने के लिए सबसे अच्छा दिन बृहस्पतिवार है। ऐसे में पुखराज को गुरुवार के दिन ही पहने।

पुखराज धारण करने से पहले इसे गंगाजल या गाय के कच्चे दूध में डूबोकर बृहस्पति ग्रह के देवता के सामने रखें। ऐसा करने से रत्न शुद्ध हो जाता है।

ऐसे करें शुद्ध

पुखराज को भगवान के समक्ष रखने के बाद दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें। धीरे-धीरे गुरु ग्रह का शुभ प्रभाव दिखने लगेगा।

किस उंगली में पहने

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