Deeksha Priyadarshi
केवल अमीर घरानों में ही नहीं, उनकी गजलें ऑटो से लेकर टैक्सी और बसों में भी सुनी और पसंद की जाती थी। पंकज उधास की गाई हुईं वो 10 गजलें, जिन्हें सबसे ज्यादा पसंद किया गया।
जब पंकज उधास की फेमस गजल चिट्ठी आई है को डिनर पार्टी में राजकपूर ने पहली बार सुना था, तो उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। उन्होंने उसी समय कहा था कि ये गाना बहुत बड़ा हिट होगा और हुआ भी वैसा ही।
चिट्ठी आई है के अलावा चांदी जैसा रंग है मेरा, न कजरे की धार, घूंघट को मत खोल और थोड़ी-थोड़ी पिया करो को भी लोगों ने खूब प्यार दिया।
1985 में जब सीडी का दौर आया तो पंकज की गजलों से ही सीडी का पहला एल्बम भारत में शुरू किया गया।
चुपके-चुपके सखियों से वो बातें, आहिस्ता कीजिए बातें, निकलो न बेनकाब, दीवारों से मिलकर, एक तरफ उसका घर ऐसी गजलें बनीं, जिनकी फरमाइश उनसे हर महफिल में की जाने लगी।
पंकज की बेटी नायाब उधास पिता की तरह संगीत की दुनिया से ताल्लुक रखती हैं। वो और उनके पति ओजस आधिया दोनों फेमस म्यूजिशियन हैं।