Deeksha Priyadarshi
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सेना की कड़ी आलोचना करते हुए बिजनेस करने के बजाए रक्षा संबंधी मामलों पर ध्यान देने की हिदायत दी है।
सुप्रीम कोर्ट की पाकिस्तानी फौज को हिदायत
पाकिस्तानी फौज दुनिया की एक ही ऐसी फौज है, जो बिजनेस करती है। उनका पूरा बिजनेस चार ट्रस्ट के माध्यम से चसता है।
बिजनेस करने वाली दुनिया की एकमात्र फौज
इसमें आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट, मिलिट्री फाउंडेशन, शाहीन फाउंडेशन और बहरिया फाउंडेशन शामिल है।
चार ट्रस्ट के जरिए चलता है बिजनेस
पाक आर्मी की गाढ़ी कमाई मिल्क, डेयरी और सीमेंट के कारोबार से होती है। रेवेन्यू की बात की जाए तो वलो 2.1 लाख करोड़ रुपए है।
डेयरी प्रोडक्ट्स से होती गाढ़ी कमाई
50 से ज्यादा सेक्टर में पाकिस्तानी फौज के स्टेक है, जिसकी कुल वैल्यू 1.64 लाख करोड़ रुपए है।
50 से अधिक सेक्टर के है स्टेक
इसमें हाउसिंग, पेट्रोल पंप, इंडस्ट्रियल प्लांट्स, बैंक, स्कूल, यूनिवर्सिटी, बेकरी, मिल्क-डेयरी, सीमेंट प्लांट्स और कपड़े की फैक्ट्रियां शामिल हैं।
हाउसिंग से लेकर कपड़े की फैक्ट्री में करती इंवेस्ट
साल 1954 में पाकिस्तानी फौज नें अपना वेलफेयर फाउंडेशन शुरू किया था। इस फाउंडेशन को आर्मी चीफ जनरल अयूब खान और डिफेंस सेक्रेटरी मेजर जनरल इस्कंदर मिर्जा ने बनाया था।
किसने की शुरुआत
इस फाउंडेशन की शुरुआत उस फंड से हुई थी जो बंटवारे के समय पाकिस्तान को मिली थी। इससे बड़े-बड़े इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई।
बंटवारे में मिले फंड से की शुरुआत