धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवग्रहों के दोषों को दूर करने के कई उपाय बताए गए हैं जिसमें प्रकृति के 9 पेड़ मौजूद है। आइए उनके बारे में जानते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह का दोष है तो वैसे जातक को रविवार के दिन आक के पौधे की पूजा करनी चाहिए।
जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा का दोष है तो वैसे जातक को पलाश के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
जिस जातक की कुंडली में मंगल दोष है तो वैसे जातक को वट या बरगद वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो वैसे जातक को अपामार्ग पौधे की पूजा करनी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में गुरु दोष हैं, तो वैसे में जातक को पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति कमजोर है, तो वैसे जातक को गुलर के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में शनि देव के साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि से संबंधित दोष हैं, तो वैसे जातक को शमी के पौधे की रोज पूजा करनी चाहिए।
राहु ग्रह को सबसे क्रूर ग्रह माना गया है, जिस जातक की कुंडली में राहु ग्रह कमजोर होता है, तो वैसे जातकों को कुशा के पौधे की पूजा करनी चाहिए।
जिस जातक कुंडली में शनि, सूर्य या मंगल ग्रह के प्रभाव आ जाते हैं, तो उन्हें दूर करने के लिए दूर्वा के पौधे की पूजा करनी चाहिए।