मुख्तार अंसारी कैसे बना जुर्म की दुनिया का सरताज

Ashutosh Ojha

यूपी का डॉन

अपराध की दुनिया के बेताज बादशाह मुख्तार अंसारी का अंत हो गया। एक संभ्रांत परिवार में जन्मा लड़का आखिर कैसे बन गया यूपी का डॉन। आइए जानते हैं...

प्रतिष्ठित परिवार में जन्म

साल 1963 में देश के प्रतिष्ठित परिवार में मुख्तार अंसारी का जन्म हुआ था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के अध्यक्ष डॉ. एमए अंसारी उसके दादा  थे। 

15 साल की उम्र में मामला दर्ज

महज 15 साल की उम्र में ही मुख्तार ने क्राइम की दुनिया में कदम रख लिया था, जब उसके खिलाफ गाजीपुर के सैदपुर पुलिस स्टेशन में धमकी देने का मामला दर्ज हुआ।

पूर्वी यूपी में दबदबा

25 साल की उम्र तक उसने पूर्वी उत्तर प्रदेश को अपने आपराधिक कब्जे में ले लिया था।

1986 में मर्डर केस

साल 1986 में मुख्तार अंसारी पर गाजीपुर में हत्या का केस दर्ज हुआ। इसके बाद अगले एक दशक यानी 1996 तक उस पर मर्डर, किडनैपिंग सहित 14 और आपराधिक केस दर्ज हुए।

पहली बार विधायक

साल 1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार 33 साल की उम्र में बसपा से विधायक निर्वाचित हुआ।

2002, 2007 और 2012 में भी विधायक

इसके बाद 2002, 2007 और 2012 में भी अंसारी ने यूपी की मऊ विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया।

आजीवन कारावास

यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी को 5 जून 2023 को वाराणसी की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

कृष्णानंद राय की हत्या

राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित 7 अन्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज हत्याकांड में भी मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी ही था।

कार्डियक अरेस्ट से मौत

बता दें, 28 मार्च 2024 को कार्डियक अरेस्ट की वजह से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। 30 मार्च को उसे गाजीपुर में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।