निराश जीवन को खुशनुमा बना देंगे ये विचार

Ashutosh Ojha

नजदीक कौन है

बहुत दूर तक जाना पड़ता है, सिर्फ यह जानने के लिए कि नजदीक कौन है।

मैं कौन हूँ?

जीवन को आबाद करना है तो मैं कौन हूँ? इस पहेली को हल कीजिये। मैं और मेरे-पन के भाव से मुक्त हो जाइये।

दो पल की जिन्दगी

दो पल की जिन्दगी है, इसे जीने के सिर्फ दो उसूल बना लो-रहो तो फूलों की तरह और बिखरों तो खुशबू की तरह।

अच्छा दोस्त

जिसके पास एक अच्छा दोस्त है उसे किसी भी दर्पण की जरूरत नहीं है।

मन की शीतलता

सफलता मन की शीतलता से उत्पन्न होती है। ठण्डा लोहा ही गर्म लोहे को काट व मोड़ सकता है।

धैर्य और व्यवहार

दो तथ्य आपको परिभाषित करते हैं-आपका धैर्य-जब आपके पास कुछ नहीं! आपका व्यवहार-जब आपके पास सब कुछ हो !!