निराश जीवन को खुशनुमा बना देंगे ये विचारनिराश जीवन को खुशनुमा बना देंगे ये विचारAshutosh Ojhaधैर्य और नम्रताधैर्य व नम्रता नामक दो गुणों से व्यक्ति की ईश्वर से समीपता बनी रहती है।अच्छी व स्वच्छअच्छी व स्वच्छ प्रतियोगिता स्वस्थ बनाती है, परन्तु ईर्ष्या एक घातक रोग है।आलोचनाकिसी दूसरे व्यक्ति की आलोचना करने से पहले हमें अपने अन्दर झांक कर देख लेना चाहिए।मनुष्य के शब्दशब्द शक्तिशाली औषधि है जिसका मनुष्य उपयोग करता है।उद्देश्यजिस काम को करने के लिए परदे की जरूरत है चाहे उसका उद्देश्य कितना ही पवित्र क्यों न हो, वह अपमान जनक है।