Ashutosh Ojha
दूसरे नंबर पर है देव विवाह। इस विवाह में कन्या की सहमति से किसी सेवा, उद्देश्य के हेतु या मूल्य के रूप में कन्या को किसी विशेष वर को देना 'दैव विवाह' कहलाता है।
प्रजापत्य विवाह ब्रह्म विवाह का ही रूप है। इसमें कन्या की बगैर सहमति के उसके माता पिता शादी करा देते हैं। उसे प्रजापत्य विवाह कहते हैं।
7वें प्रकार के इस विवाह को निम्न कोटि का माना जाता है। इसमें कन्या की बगैर सहमति के उसका अपहरण कर विवाह किया जाता है।
8वें प्रकार के इस विवाह को निकृष्टतम विवाह कहा जाता है। इसमें लड़की के साथ धोखे से, बेहोशी की हालत में शारीरिक संबंध बनाने के बाद विवाह किया जाता है।