स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले की 5 बड़ी बातें 

महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले पर अपना फैसला सुना दिया है।

16 विधायक योग्य करार

 शिवसेना का संविधान संशोधन चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है, इसलिए साल 1999 के शिवसेना संविधान को आधार माना गया।

शिवसेना का संविधान

उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को हटाने का अधिकार नहीं था, क्योंकि शिवसेना में किसी पदाधिकारी को हटाना के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी और प्रतिनिधि सभा का बहुमत जरूरी है।

उद्धव ठाकरे को झटका

शिवसेना के पास 55 विधायक थे, इनमें से 37 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं। चुनाव आयोग ने इसे मान्य किया है। इसलिए शिंदे गुट ही असली शिवसेना है।

शिंदे गुट ही असली शिवसेना

यह साफ है की जब सुनील प्रभु को जब चीफ व्हिप न्युक्त किया गया था, तब पार्टी का विभाजन हो चुका था इसलिए सुनील प्रभु का व्हिप नहीं लागू होगा।

भरत गोगावले असली चीफ व्हिप

स्पीकर ने उद्धव गुट की मांग को खारिज कर दिया। ठाकरे गुट का दावा था कि शिवसेना पक्ष प्रमुख का फैसला पार्टी का अंतिम फैसला होगा, इसे स्पीकर ने खारिज कर दिया।

उद्धव गुट की मांग खारिज

शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला चाहे जो भी हो, सरकार पर असर पड़ने की संभावना नहीं है।

16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला

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