यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल चतुर्थ स्थान में होते हैं तो घर में आग से दुर्घटना होने का संकेत देता है। साथ ही घर में हर समय अशांति रहती है।
यदि किसी जातक की कुंडली में शनि चतुर्थ स्थान में रहते हैं, तो घर में सीलन, बीमारी व अशांति की स्थिति बनी रहती है।
वहीं जिस जातक की कुंडली में केतु चतुर्थ स्थान में रहते हैं, तो घर में उदासीनता बना रहता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में राहु चतुर्थ स्थान में होते हैं, तो मानसिक अशांति, पीड़ा और चोरी आदि का भय बना रहता है।