कैसे पता करें कि घर में सुख संबंधी सुविधाएं हैं या नहीं, जानें ज्योतिषीय नियम

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि शुभ ग्रह चतुर्थ स्थान में होता है, तो घर सुख-समृद्धि से भरा रहता है।

शुभ ग्रह चतुर्थ स्थान

शुभ ग्रह चतुर्थ स्थान

यदि शुभ ग्रह चंद्रमा के चतुर्थ स्थान में होते हैं, तो घर में शुभ फल की प्राप्ति होता है।

शुभ फल की प्राप्ति

शुभ फल की प्राप्ति

यदि किसी जातक की कुंडली में चतुर्थ स्थान का स्वामी 6, 8, 12 स्थान पर होते हैं, गृह निर्माण में बाधाएं आती हैं।

गृह निर्माण

गृह निर्माण

यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल चतुर्थ स्थान में होते हैं तो घर में आग से दुर्घटना होने का संकेत देता है। साथ ही घर में हर समय अशांति रहती है।

मंगल चतुर्थ स्थान

मंगल चतुर्थ स्थान

यदि किसी जातक की कुंडली में शनि चतुर्थ स्थान में रहते हैं, तो घर में सीलन, बीमारी व अशांति की स्थिति बनी रहती है।

शनि चतुर्थ स्थान

शनि चतुर्थ स्थान

वहीं जिस जातक की कुंडली में केतु चतुर्थ स्थान में रहते हैं, तो घर में उदासीनता बना रहता है।

केतु चतुर्थ स्थान

केतु चतुर्थ स्थान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में राहु चतुर्थ स्थान में होते हैं, तो मानसिक अशांति, पीड़ा और चोरी आदि का भय बना रहता है।

राहु चतुर्थ स्थान

राहु चतुर्थ स्थान