करवा चौथ पर किस विधि से देना चाहिए चंद्र देव को अर्घ्य, जानें सही नियम

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पंचांग के अनुसार, चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 15 मिनट पर होगा, लेकिन क्या आपको पता है अर्घ्य किस विधि से देना चाहिए। अगर नहीं तो आइए जानते हैं।

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चंद्रोदय का समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं को 16 श्रृंगार करना चाहिए।

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करवा चौथ के दिन 16 श्रृंगार

16 श्रृंगार करने के बाद गणपति, भगवान शिव, माता पार्वती और करवा माता की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।

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करवा माता की पूजा

इसके बाद करवा माता की व्रत कथा पढ़नी चाहिए और माता को प्रसाद में फल और मिठाई अर्पित करना चाहिए।

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माता को प्रसाद अर्पित करें

इसके बाद सुहागिन महिलाओं को रात में चंद्रोदय के समय पूजा की थाली में आटे का दीपक, मिठाई, फल और करवा में जल भरकर रखना चाहिए। साथ ही छलनी भी रखें।

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चंद्रोदय के समय पूजा करें

मान्यता है कि चांद निकलने के बाद छलनी में आटे का दीपक रखें और उत्तर पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके चंद्र देव को अर्घ्य दें।

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चंद्र देव को अर्घ्य दें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अर्घ्य देते समय "ज्योत्सनापते नमस्तुभ्यंओ नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्यंअ मे प्रतिगृह्यताम" मंत्र का जाप भी करें।

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अर्घ्य देने का मंत्र

उसके बाद छलनी से चांद को देखे और बाद में अपने पति के दर्शन करें।

पति का दर्शन करें

अंत में पति अपने हाथ से अपनी पत्नी को पानी पिलाएं और व्रत का पारण कराएं। मान्यता है कि इस तरह से करवा चौथ का व्रत रखने से पति-पत्नी का सात जन्मों तक रिश्ता बना रहता है।

व्रत का पारण करें