ISRO Aditya L1 Mission: चांद पर चमत्कार, अब सूर्य नमस्कार
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चंद्रयान 3 के जरिए चांद के पर चमत्कार करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इसरो ने अपने सूर्य मिशन Aditya-L1 को शनिवार सुबह 11.50 बजे सफलता पूर्वक लॉन्च किया।
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ISRO Aditya L1 Mission
भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य-एल 1 (Aditya-L1) है। इसका मकसद सूर्य के रहस्यों के बारे में पता लगाना है।
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सूर्य के रहस्यों का पता लगाएगा Aditya-L1
सूर्य मिशन आदित्य-L1 145.62 फीट ऊंचा है। जबकि इसका वजन 1480.7 किलोग्राम है।
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145.62 फीट ऊंचा ऊंचा है Aditya-L1
आदित्य-एल 1 सूर्य पर नहीं उतरेगा, बल्कि सूरज की कक्षा में लैग्रेंज बिंदु-1 पर सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। इसलिए इसके नाम में L 1 शब्द को जोड़ा गया है।
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सूर्य का चक्कर लगाएगा Aditya-L1
ISRO ने अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया।
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श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ Aditya-L1
लॉन्चिंग के बाद Aditya-L1 करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा, जो चांद की दूरी से करीब चार गुना अधिक है।
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15 लाख किलोमीटर सफर करेगा तय
Aditya-L1 16 दिनों तक धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। इसके बाद यहां से आदित्य-एल1 की दूसरी 109 दिनों की यात्रा शुरू होगी।
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धरती का 16 दिनों तक लगाएगा चक्कर
लॉन्चिंग के ठीक बाद यानी आज 125 दिन बाद L1 पॉइंट तक पहुंचेगा और यहीं से Aditya-L1 डेटा भेजना शुरू कर देगा।
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125 दिन बाद L1 पॉइंट पर पहुंचेगा
Aditya-L1 सूर्य से इतनी दूर तैनात होगा, जहां उसे गर्मी लगे तो लगेगी लेकिन खराब नहीं होगा।
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सूर्य की कक्षा में लगाएगा चक्कर
सूरज की सतह से थोड़े ऊपर यानी फोटोस्फेयर का तापमान करीब 5500 डिग्री सेल्सियस रहता है। वहीं उसके सेंटर का अधिकतम तापमान 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस के करीब होता है।
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सूरज का तापमान 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस
ऐसे में सूर्य तक मानव निर्मित किसी स्पेसक्राफ्ट या फिर यान का जाना संभव नहीं है। सूर्य के करीब जाते ही कोई भी चीज भाप बनकर अंतरिक्ष में विलीन हो जाएगा।
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सूर्य पर मानव निर्मित किसी चीज का जाना संभव नहीं