Interim vs Union Budget: अंतरिम बजट से कैसे अलग है केंद्रीय बजट?
Simran Singh
अंतरिम बजट मूलत : चुनाव वाले वर्ष में सरकार प्रस्तुत करती है। मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार इस बजट को पेश करती है।
चुनावी वर्ष में पेश होता है अंतरिम बजट
यह बजट कम अवधि के लिए होता है। इस बजट के जरिए सरकार तब तक खर्च करेगी जब तक कि नई सरकार के गठन के बाद नया बजट पेश नहीं हो जाता।
कम समय
अंतरिम बजट में सरकार वित्तीय वर्ष के कुछ हिस्से के लिए पैसा खर्च करने की अनुमति मांगती है।
ये होता है अलग
अंतरिम बजट में सरकार कानूनी तौर पर टैक्स में बदलाव कर सकती है, हालांकि, पिछले अंतरिम बजटों में आमतौर पर बड़े बदलावों या नई योजनाओं से परहेज किया गया है।
क्या नई नीतियां लागू की जा सकती हैं?
अंतरिम बजट को संसद में बिना किसी चर्चा के पेश किया जाता है, इसे वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है।
वोट ऑन अकाउंट
इसमें केवल सरकार का एक्सपेंस शामिल होता है जबकि अंतरिम बजट प्राप्तियों और एक्सपेंस दोनों से संबंधित होता है।
वोट ऑन अकाउंट में व्यय शामिल
पूर्ण बजट एक व्यापक वित्तीय खाता है जिसमें सरकारी कमाई, व्यय, आवंटन और नीति घोषणाओं के सभी पहलू शामिल होते हैं।
पूर्ण बजट या नियमित बजट
पहला अंतरिम बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने लगभग 7 महीने (15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक) के लिए पेश किया था।