वैदिक ज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का अधिपति मान कर सर्वाधिक महत्व दिया गया है।
ज्योतिष की मान्यताओं के अनुसार सूर्य की आराधना से सभी ग्रह अनुकूल बन जाते हैं।
यह सिंह राशि का स्वामी माना गया है और व्यक्ति के पिता का कारक है।
सूर्य मेष राशि में उच्च का और तुला राशि में नीच का होता है। इसी के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है।
सूर्य व्यक्ति के भाग्य, आत्मस्वाभिमान, रचनात्मकता और लीडरशिप स्किल्स के बारे में बताता है।
ज्योतिष में सूर्य को अग्नि तत्व से संबंधित माना गया है जो व्यक्ति की महत्वाकांक्षा और जुनून को दर्शाता है।
जन्मकुंडली में मजबूत सूर्य व्यक्ति को सफलता की ऊंचाईयों पर ले जाता है और राजयोग देता है।
सूर्य को अनुकूल बनाकर व्यक्ति अपने जीवन में सभी प्रकार के सुख प्राप्त कर सकता है।
सूर्य को अनुकूल बनाने के लिए आदित्यह्रदयस्तोत्र का पाठ तथा गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए।