शरद पूर्णिमा पर है चंद्रग्रहण कैसे करें पूजा और कैसे बनाएं खीर

28 अक्टूबर शनिवार को शरद पूर्णिमा है। इसी दिन खीर बनाकर चांदनी रात में रखने की परंपरा है।

शरद पूर्णिमा

मान्यता है कि इस रात में चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ पृथ्वी पर शीतलता, पोषक शक्ति एवं शांतिरूपी  अमृत वर्षा करता है।

अमृत वर्षा

हालांकि, इस दिन चंद्रग्रहण का साया भी लग रहा है और ज्योषियों ने ग्रहण में चंद्रमा की निकलने वाली किरणों को हानिकारक बताया है।

ज्योषियों ने ग्रहण

इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण नौ साल बाद हो रहा है। यह अमूमन कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन ही लगता है।

नौ साल बाद

इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण नौ साल बाद हो रहा है। यह अमूमन कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन ही लगता है। 

कार्तिक पूर्णिमा

हमारे देश में चंद्रग्रहण खंडग्रास में होगा। ग्रहण का समय बनारस समेत पूरे भारत में एक ही रहेगा।

ग्रहण का समय

शरद पूर्णिमा को खीर बनाकर चांदनी रात में रखने की परंपरा है, लेकिन इस बार चन्द्र ग्रहण को लेकर लोग असमंजस की स्थिति में हैं।

चांदनी रात

ज्योतिषाचार्यों ने कहा कि ऐसी स्थिति में सूतक लगने से पहले ही खीर बनाकर भगवान को भोग लगाकर खीर में तुलसी पत्र या कुशा रख दें।

ज्योतिषाचार्यों ने कहा

इस खीर को आंगन में रख दें और अगले दिन सुबह भगवान को भोग लगाकर प्रसाद स्वरूप उसका सेवन करें।

भगवान को भोग