Deeksha Priyadarshi
आप बहुत आसानी से इसका पता लगा सकते हैं कि कहीं आपकी स्क्रीन रिकॉर्ड कर के पर्सनल डाटा तो नहीं चुरा रहा।
दरअसल, स्क्रीन रिकॉर्ड करने के लिए हैकर्स को एक स्पाइवेयर इंस्टॉल करना होता है। इसके लिए वो फिशिंग लिंक या दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
आप चाहें तो इसका पता लगा सकते हैं कि कहीं आपके फोन में स्पाइवेयर तो इंस्टाल नहीं है। हैकर के स्क्रीन रिकॉर्डिंग ऑन करते ही आपके फोन के नोटिफिकेशन ब्रैकेट में एक कैमरा ब्लिंक करने लगेगा।
अगर फोन में यह साइन दिख रहा है तो समझ लीजिए कि किसी ने आपके फोन में स्क्रीन रिकॉर्डिंग ऑन कर रखी है।
इसके कारण फोन की बैटरी भी तेजी से खत्म होगी और डाटा भी ज्यादा खर्च होगा।
इसके कारण फोन की बैटरी भी तेजी से खत्म होगी और डाटा भी ज्यादा खर्च होगा।