लालबागचा राजा का रोचक इतिहास, कैसे पड़ा गणेश जी का ये खास नाम?

Ashutosh Ojha

लालबागचा राजा का इतिहास

1930 के दशक में मुंबई में कपड़ा मिलों के संकट के समय स्थानीय लोग गणेश जी से मदद मांगने लगे और उनकी पूजा करने लगे।

कपड़ा मिलों की चुनौतियां

टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बदलाव से मिलें प्रभावित हुईं, जिससे आसपास रहने वाले लोगों का जीवन कठिन हो गया।

गणेश जी की कृपा

कहा जाता है स्थानीय लोगों को गणेश जी की कृपा से लालबाग बाजार के लिए जमीन मिली, जिसने उनके जीवन को बचाया।

बप्पा को जमीन की समर्पित

लोगों ने गणपति उत्सव के लिए जमीन का एक हिस्सा समर्पित कर दिया, जहां हर साल गणेश जी की मूर्ति स्थापित होती है।

राजा का जन्म

स्थानीय लोग गणेश जी को 'राजा' का दर्जा देते हैं और हर साल अलग-अलग कपड़ो में सजाते हैं।

बड़े पैमाने पर आयोजन

साल दर साल लालबाग में गणेश उत्सव भव्यता से मनाया जाता है, जिसमें पंडालों के बीच भव्यता की होड़ होती है।

गणेश जी के दर्शन

लाखों लोग लालबागचा राजा के दर्शन के लिए आते हैं, जहां कभी-कभी 40 घंटे तक लंबी कतारें देखी जाती हैं।