किसी भी शुभ काम में महिलाएं नारियल क्यों नहीं फोड़ती? जानें धार्मिक मान्यता

सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार, पूजा-पाठ में अक्सर नारियल का इस्तेमाल किया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इसके बिना पूजा संपन्न नहीं होती। 

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पूजा-पाठ में नारियल

लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाएं शुभ कार्यों में नारियल क्यों नहीं फोड़ती? अगर अब भी आप इस बात के अनभिज्ञ हैं तो समझिए कि आप वक्त के हिसाब से पीछे चल रहे हैं।

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शुभ कार्यों में नारियल

मांगलिक कार्यों में नारियल

आइए आज हम आपको ये बताते हैं कि आखिर महिलाएं पूजा-पाठ या अन्य शुभ और मांगलिक कार्यों में अपने हाथों से नारियल क्यों नहीं फोड़ती हैं।

सनातन धर्म में किसी भी पूजा-पाठ में नारियल चढ़ाना बेहद जरूरी माना गया है। हर धर्मिक अनुष्ठान में नारियल का होना जरुरी होता है। 

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धार्मिक अनुष्ठान में नारियल

नारियल एक शुभ और शुद्ध फल है, जिसे बेहद पवित्र माना गया है। नारियल को भगवान पर चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

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शुभ और शुद्ध नारियल

दुख-दर्द होते हैं दूर

मान्यता है कि भगवान को नारियल चढ़ाने से दुख-दर्द का नाश होता है। घर में नारियल फोड़ने से नकारात्मकता दूर होती हैं।  

नारियल को एक बीज भी माना गया है। जब बच्चा मां की कोख में होता है तो सबसे पहले वो एक बीज के समान होता है, इसीलिए महिलाएं नारियल नहीं फोड़तीं, इसका गलत असर होता है।

नारियल है एक बीज

भगवान विष्णु से है खास कनेक्शन

धार्मिक मान्यता के अनुसार पृथ्वी पर पहली बार फल के रूप में विष्णु जी ने लक्ष्मी जी के साथ नारियल भेजा था। नारियल पर सिर्फ मां लक्ष्मी का अधिकार होता है। इसी वजह से महिलाओं को नारियल फोड़ने से मना किया जाता है।