इस चीज को किए बिना इंसान का जीवन है व्यर्थ: गीता उपदेश

भगवद् गीता महाभारत के भीष्म पर्व का अहम हिस्सा है। गीता में 18 अध्याय हैं। 

18 अध्याय

18 अध्याय

गीता का तीसरा अध्याय हर किसी के लिए उपयोगी है। इसमें इंसान को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में बताया गया है।

3 अध्याय हर किसी के लिए जरूरी

3 अध्याय हर किसी के लिए जरूरी

भगवान कहते हैं कि व्यक्ति दो तरीकों से ज्ञान प्राप्त कर सकता है। चिंतन और कर्म, ज्ञान प्राप्त करने के दो रास्ते हैं।

ज्ञान प्राप्ति के 2 रास्ते

ज्ञान प्राप्ति के 2 रास्ते

श्रीकृष्ण कहते हैं कि बिना काम किए कोई कर्म-फल की कामना नहीं कर सकता। साथ ही न ही कर्म से मुंह मोड़ सकता है।

कर्म है जरूरी

कर्म है जरूरी

कोई भी व्यक्ति एक क्षण के लिए भी कर्म से दूर नहीं हो सकता। मनुष्य प्रकृति द्वारा दिए गए कर्म को करने के लिए विवश है।

कर्म की विवशता

कर्म की विवशता

भगवान अर्जुन से कहते हैं कि जो मनुष्य मन से अपनी कर्म-इंद्रियों को नियंत्रित करता है और कर्म में लगा रहता है, वह श्रेष्ठ है।

श्रेष्ठ कौन है?

श्रेष्ठ कौन है?

कर्म क्यों है जरूरी

कर्म क्यों है जरूरी

ऐसे में मनुष्य को कर्म जरूर करना चाहिए। कर्म को छोड़ देने से शरीर का भरण-पोषण संभव नहीं है।