घर में गणेशजी की स्थापना करते समय इन 7 बातों का जरूर ध्यान रखें
Ashutosh Ojha
मूर्ति की दिशा और स्थान
गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तु शास्त्र में शुभ माना गया है। ध्यान रखें कि मूर्ति को दीवार के बिलकुल पास न रखें, बल्कि थोड़ी जगह छोड़कर रखें।
भगवान गणेश की सूंड
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, भगवान गणेश की मूर्ति में सूंड का बाईं ओर होना शुभ माना जाता है, जबकि दाईं ओर की सूंड वाली मूर्ति को शुभ नहीं माना जाता।
गणेश जी की पूजा का विधान
गणेश जी की स्थापना के बाद उनकी पूजा का विशेष ध्यान रखें। भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा, लाल फूल, मोदक, और पान के पत्ते का प्रयोग अवश्य करें। संध्या के समय दीपक जलाकर आरती करें।
विशेष भोग
गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग का ध्यान रखें। मोदक, लड्डू और गुड़ के व्यंजन उन्हें विशेष रूप से प्रिय हैं। इन्हें भोग के रूप में अर्पित करें और गणेशजी की कृपा प्राप्त करें।
स्थापना से पहले शुद्धिकरण
गणेशजी की मूर्ति की स्थापना से पहले घर का शुद्धिकरण करना अत्यंत आवश्यक है। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और एक सुंदर रंगोली बनाएं। यह प्रक्रिया सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करती है।
मूर्ति की सामग्री और आकार
मिट्टी से बनी मूर्ति को सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल होती है। मूर्ति का आकार भी बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए, बल्कि घर के आकार के अनुसार मध्यम या छोटा आकार ही चुनें।
विसर्जन का महत्व
विसर्जन के समय गणेशजी से सभी विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना करें और उन्हें अगले वर्ष फिर से घर में आने का निमंत्रण दें। विसर्जन के लिए प्राकृतिक जल स्रोत का चयन करें ताकि पर्यावरण को हानि न हो।