Avinash Tiwari
नकली या असली दवा की पहचान प्रयोगशाला में जांच के बाद ही की जा सकती है।
हालांकि कुछ बातों का ध्यान रखकर आप आसानी से नकली दवाओं की पहचान कर सकते हैं।
खराब क्वालिटी की छपाई या पैकेजिंग नकली दवा का संकेत हो सकती है। अगर पैकेज सील नहीं है तो उसे ना लें।
100 रुपये से ज्यादा कीमत वाली दवाओं पर बारकोड लगाना जरूरी, अगर बारकोड नहीं है, तो उसे न खरीदें।
ऑनलाइन किसी अज्ञात वेबसाइट से दवाएं ना खरीदें।
अगर किसी दवा के आकार में बदलाव लग रहा हो तो डॉक्टर या फार्मेसी से तुरंत इसकी जानकारी लें।
दवाइयां हमेशा लाइसेंस प्राप्त स्टोर/दुकान से ही खरीदें।
दवाइयो के पैकेट पर बैच नंबर ,मैन्युफैक्चर डेट ,और एक्सपायरी डेट लिखी होनी चाहिए।
नकली दवाई की ऊपरी परत आमतौर पर सिकुड़ी हुई और खराब मिलेगी। दवाएं में फंफूद दिखे तो उसका उपयोग न करें।
जानकारी इंटरनेट से ली गई है, अगर आपके पास कोई नकली दवाई से संबंधित कोई शिकायत है तो टोल फ्री नंबर 1800111255 पर कॉल कर सकते हैं।