गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी ना करें ये 5 काम,  बप्पा हो जाएंगे नाराज

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सनातन परंपरा में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है। मान्यता है कि हर शुभ और मांगलिक कार्य से पहले इनका आवाहन किया जाता है। इसके बाद ही अन्य देवी-देवता की पूजा होती है।

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प्रथम पूज्य हैं भगवान गणेश

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सितंबर को यानी आज सुबह 9 बजकर 48 मिनट से शरू हो चुकी है। जबकि चतुर्थी तिथि का समापन 19 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 43 मिनट पर होगा।

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गणेश उत्सव का 19 सितंबर समापन

धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही है। मान्यता है कि इन कार्यों को करने से गणपति पूजा का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। 

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गणेश चतुर्थी के दिन कुछ कार्यों की मनाही

गणेश चतुर्थी पर घर में भूलकर भी गणपति की आधी-अधूरी बनी या फिर खंडित मूर्ति की स्थापना नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा ऐसी मूर्ती की पूजा भी नहीं करनी चाहिए।

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खंडित मूर्ति की न करें स्थापना

गणेश चतुर्थी की पूजा में भूलकर भी तुलसी के पत्ते या केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा भगवान गणेश को बासी या मुरझाए फूल भी चढ़ाने चाहिए।

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तुलसी के पत्ते या केतकी के फूलों का न करें इस्तेमाल

गणेश चतुर्थी के दिन व्रत करने वाले को अपना तन और मन पवित्र रखना चाहिए। साथ ही इस दौरान ब्रह्मचर्य का भी कठोरता से पालन करना चाहिए। इस दिन व्रत-पूजा करने वालों को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।

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व्रत के दौरान तन और मन रखें पवित्र

गणेश चतुर्थी के दिन व्रत-पूजा करने वालों को सिर्फ सात्विक चीजों का सेवन करना शुभ रहता है। इस दौरान फालाहार का सेवन किया जा सकता है। तामसिक चीजों का सेवन ना करें।

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सात्विक चीजों का करें सेवन

मान्यतानुसार, गणेश चतुर्थी के दिन व्रत-पूजन करने वालों को दिन में सोना नहीं चाहिए। इसके अवाला इस दिन अपने वचन को भी शुद्ध रखना चाहिए। गणपति की कृपा पाने के लिए गणेशजी के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

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दिन में सोने की मनाही