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ये सात कुकिंग ऑयल आपकी जान तक ले सकते हैं घर में होता है इस्तेमाल तो रहें सावधान
कपास के बीज के तेल में बनी चीजों का हम रोजमर्रा की जिंदगी में सेवन करते हैं। इसमें प्रोपरगाइट, नेल्ड, डाइकोफोल, सायनाइड और ट्राइफ्लुरलिन का छिड़काव किया जाता है, जो पौधे के अंदर रिस जाता है।
बिनौला तेल (Cottonseed oil)
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हमारे यहां रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले तेलों में सूरजमुखी का तेल एक है। सूरजमुखी के तेल में विषैला पदार्थ एल्डिहाइड पाया जाता है। इससे इंसान को कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इस तेल से बने खाद्य पदार्थों को खाने से मोटापा आता है।
सूरजमुखी का तेल (Sunflower oil)
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सोयाबीन तेल वही स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा बताया गया है। हालांकि इसमें हालांकि किण्वित जैविक पाया जाता है। सोयाबीन या सोयाबीन के तेल में लगभग 90 प्रतिशत उगाए गए सोयाबीन अत्यधिक प्रसंस्कृत होते हैं और आनुवंशिक रूप से संशोधित होता है।
सोयाबीन का तेल (Soya Bean Oil)
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यह एक रिफाइंड वनस्पति तेल है, जिसका खाना पकाने और स्किन केयर रुटीन में इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल का नियमित सेवन के नुकसान भी हैं। इसके अलावा यह पेट की समस्या, वजन बढ़ने की समस्याओं का कारण भी हो सकता है।
मकई का तेल (Corn oil)
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राइस ब्रैन ऑयल इस्तेमाल करने से खुजली और स्किन में रेडनेस की शिकायत हो सकती है। कई लोगों को राइस ब्रैन ऑयल से दाने और खुजली की शिकायत देखने को मिलती है,
राइस ब्रैन ऑयल (rice bran oil)
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मूंगफली के तेल में फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है, जिसके कारण इसके अधिक इस्तेमाल से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है। इसके चलते मोटापा बढ़ने लगता है।
मूंगफली तेल (peanut oil)
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