चाणक्य अपनी नीतियों में कहते हैं कि 5 लोग ऐसे होते हैं, जिनके कार्य में दखल नहीं देना चाहिए। जो जातक दखल देता है, उसे भारी नुकसान भुगतना पड़ सकता है।
चाणक्य कहते हैं कि जो जातक हर समय अपने मन की करते हैं, तो ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए। वरना वहां पर आप गलत साबित हो सकते हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी के लड़ाई-झगड़ों के बीच किसी तीसरे इंसान को नहीं आना चाहिए। क्योंकि आपके आने से विवाद और बढ़ सकता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हवन और पुजारी के बीच आपको कभी भूलकर नहीं आना चाहिए, ऐसा करने से कार्य में बांधा आती है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो जातक आपसे केवल पैसों के लिए बात करता हैं, तो ऐसे लोगों को अपने जीवन में कभी नहीं रखने चाहिए, बल्कि उनसे दूर रहना चाहिए। नहीं तो वह इंसान आपका फायदा उठा सकता है।