भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की 8 दुर्लभ तस्वीरें

Khushbu Goyal

भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौझिय गांव में हुआ था। नाई जाति से इनका संबंध था। 

नाई जाति के नेता

कर्पूरी ठाकुर ने 1942 के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया था। देश आजाद होने के बाद वे पहली बार साल 1952 में विधायक बने थे।

असहयोग आंदोलन

कर्पूरी ठाकुर 1970 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। उनका मुख्यमंत्री का पहला कार्यकाल महज 163 दिन का ही रहा।

बिहार के मुख्यमंत्री

कर्पूरी साल 1977 में जनता पार्टी की सरकार में दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन वे दूसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। 

दूसरी बार मुख्यमंत्री

बिहार में कर्पूरी ठाकुर को जन नायक कहकर पुकारा जाता है, क्योंकि उन्होंने प्रदेश के पिछड़ वर्ग के लोगों के लिए संघर्ष किया।

जननायक कर्पूरी ठाकुर

साल 1988 में कर्पूरी ठाकुर का निधन हो गया था, लेकिन आज भी वे बिहार के पिछड़े और अति पिछड़े लोगों में काफी लोकप्रिय हैं।

64 की उम्र में निधन

कर्पूरी ठाकुर को उनकी 36 साल की तपस्या का फल मिला कि भाजपा की मोदी सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने का ऐलान किया।

तपस्या का फल