चुटकुले ही चुटकुले...   पढ़कर नहीं रुकेगी हंसी...

एक दिन रास्ते में एक वकील साहब को एक भिखारी मिल गया। भिखारी (वकील साहब से) - बाबू कुछ पैसे दे दो। वकील साहब (भिखारी से) - अरे भई, मोटे तगड़े हो, कुछ काम क्यों नहीं करते? भिखारी (वकील साहब से) - मैंने पैसे मांगे हैं, सलाह नहीं।

भिखारी (कार में बैठी सेठानी से)- मैडम, 10 रुपये दे दो.! मैडम ने पैसे दे दिये... भिखारी जाने लगा तभी... मैडम बोली- बाबा, दुआ तो देते जाओ..! भिखारी- BMW तो बैठी है अब क्या ...रॉकेट में  बैठेगी .!!

भिखारी- क्या बात है साहब, पहले आप सौ रुपये देते थे, बाद में पचास, फिर पच्चीस,  अब सिर्फ दस रुपये  ही देते हैं? साहब- पहले मैं कुंवारा था, तो मैं सौ देता था! फिर मेरी शादी हो गयी, तो पचास; एक बच्चा हो गया तो पच्चीस, अब दो बच्चे हैं तो दस देता हूं! भिखारी- वाह साहब, आपके पूरे परिवार का खर्चा तो मेरे पैसों से चल रहा है!

भूखा भिखारी खाना खाने के लिए एक ढाबे पर पहुंचा और ढाबे के मालिक से सवाल किया,  “भाई, पूड़ी कितने की है।” ढाबे वाले ने जवाब दिया, “पूड़ी दो रुपये की एक है, लेकिन साथ में आलू की सब्ज़ी मुफ्त है।” भिखारी ने तपाक से कहा, “ठीक है, पूड़ी रहने दो, सब्ज़ी ही दे दो।”