जन्माष्टमी व्रत के दौरान जरूर ध्यान रखें ये बात, मिलेगा लड्डू गोपाल का आशीर्वाद

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जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को मनाई जाती है। इस साल 7 सितंबर को यानी आज देश भर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। 

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देश भर में जन्माष्टमी

इस बार की जन्माष्टमी को लेकर ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि इस साल जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे में आज श्रीकृष्ण की पूजा से अनंत फल की प्राप्त होगी।

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जन्माष्टमी पर खास संयोग

रोहिणी नक्षत्र

7 सितंबर की रात जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र रहेगा। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। ऐसे में इस शुभ संयोग में श्रीकृष्ण का जन्म जरूर कराएं।

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जन्माष्टमी पर खीरे का डंठल काटकर कान्हा जी का जन्म कराया जाता है। खीरा काटकर कान्हा को मां देवकी के गर्भ से अलग किया जाता है। 

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बाल-गोपाल का जन्म कैसे कराएं

रात 12 बजे ही खीरे के डंठल को किसी सिक्के से काटकर कान्हा का जन्म कराएं। इसके बाद शंख बजाकर कान्हा के जन्मोत्सव की खुशियां मनाएं।

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जन्मोत्सव की खुशियां

नाल छेदन प्रक्रिया

जन्म होने के बाद भगवान को खीरे से बाहर निकाला जाता है। जन्माष्टमी की रात होने वाली इस प्रक्रिया को नाल छेदना भी कहा जाता है। 

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