कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन से ही पांच दिवसीय दिवाली पर्व का शुभारंभ हो जाता है, जो भाई दूज तक चलता है।
दरअसल धनतेरस इस साल 10 नवंबर को पड़ रहा है। यह तिथि खरीदारी के लिए बेहद शुभ मानी जा रही है।
पंचांग के अनुसार, इस बार धनतेरस पर त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से होगी। जबकि इस तिथि का समापन 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर होगा। धनतेरस के दिन प्रदोष काल में पूजा होती है।
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक धनतेरस पर शुक्र और चंद्रमा कन्या राशि में मौजूद रहेंगे। ऐसे में इस बार धनतेरस पर कई शुभ संयोग भी बनेंगे।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस बार धनतेरस पर व्यापारियों को अपार लाभ करवाने वाला हस्त नक्षत्र का भी शुभ संयोग रहेगा। हस्त नक्षत्र में की गई खरीदारी शुभ फल देने वाली होती है।
धनतेरस पर इस बार संपत्ति के कारक शनि मार्गी अवस्था में 30 साल बाद अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे। जिससे खरीदारी में चार चांद लग जाएंगे।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन यमदीप का दान किया जाता है। इस दिन शाम के समय आटे या मिट्टी चारमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाता है।
इस साल धनतेरस पर खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा। वहीं इस शुभ मुहूर्त का समापन 11 नवंबर शनिवार को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर होगा। प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।