मंदिरों में नारियल अर्पण करने की मान्यता है। लेकिन कुछ देवी-देवताओं के मंदिरों में नारियल नहीं फोड़ा जाता। अखंड रूप में ही अर्पित किया जाता है। आइए जानते हैं...
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मंदिरों में नारियल अर्पित करने के अलग-अलग विधान हैं।
नारियल को संस्कृत में श्रीफल के नाम से जाना जाता है। श्रीफल यानी भगवान का फल। ऐसे में नारियल आवश्यक रूप से भगवान का फल बन जाता है।
नारियल फोड़ने का मतलब है कि आप अहंकार और खुद को भगवान को समर्पित कर रहे हैं।