पूजा-पाठ या किसी भी शुभ कार्य में क्यों जरूरी होता है सिंदूर, रोली और कुमकुम

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रोली, सिंदूर और कुमकुम को मां लक्ष्मी का मुख्य श्रृंगार माना गया है।

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मां लक्ष्मी का मुख्य श्रृंगार

इसलिए दिवाली में घर के मुख्य द्वार पर रोली, सिंदूर और कुमकुम से माता लक्ष्मी के पैर बनाए जाते हैं।

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दिवाली पर कुमकुम

ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा के भी रोली, सिंदूर और कुमकुम प्रिय श्रृंगार है। कहा जाता है इसके बिना नवरात्र की पूजा नहीं की जाती है।

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मां दुर्गा का मुख्य श्रृंगार

रोली, सिंदूर और कुमकुम से हनुमान जी की कृपा पाया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने अपने आप को इसी रोली, सिंदूर और कुमकुम रंग से रंग लिया था।

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हनुमान जी की कृपा

रोली, सिंदूर और कुमकुम के बिना किसी भी नई नवेली दुल्हन का आगमन नहीं होता है।

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नई नवेली दुल्हन

रोली, सिंदूर और कुमकुम किसी भी विवाहित महिला के लिए सौभाग्य की निशानी होता है।

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विवाहित महिला

ऐसी मान्यता है कि सरसों के तेल में कुमकुम भिगोकर मुख्य द्वार पर लगाने से घर पर नकारात्मक ऊर्जाओं का साया नहीं पड़ता है।

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नकारात्मक ऊर्जा