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एक सब्जी जरूर खाएं, 7 बीमारियां दूर भगाएं   

डायबिटीज मरीजों के लिए चिचिंडा की सब्जी दवा से कम नहीं है। इसमें टीडायबिटिक एक्टिविटी पाया जाता है। यह डायबिटीज से काफी हद तक राहत देती है। 

डायबिटीज करे कंट्रोल

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चिचिंडा की सब्जी खाने से बुखार में औषधीय की तरह काम करता है। यह मलेरिया के उपचार में मददगार है।

बुखार में आराम 

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चिचिंडा की सब्जी खाने से हमारा दिल हेल्दी रहता है। चिचिंडा में कुकुरबिटासिन बी, कुकुरबिटासिन ई, कैरोटीनॉयड और एस्कॉर्बिक एसिड पाया जाता है, जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम करते हैं। ऑक्सीडेटिव डैमेज होने पर दिल की बीमारियां होती हैं। 

दिल के मरीज के लिए

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चिचिंडा का सेवन करने से पाचन बेहतर होता है। चिचिंडा में मिलने वाले सॉल्युबल डाइटरी फाइबर पाए जाते हैं, जो खाना पचाने में हेल्प करते हैं। इससे कॉन्स्टिपेशन की परेशानी नहीं होती है और डाइजेशन सही रहता है। 

कब्ज करे दूर

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पीलिया में मरीजों को चिचिंडा खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि चिचिंडा के पत्तों को पानी में उबालकर और फिर ठंडा करें। इसके बाद 10 धनिया के पत्ते डालकर उबालें। इसके बाद दोनों को मिलाकर मरीज को पिलाएं, इससे पीलिया में काफी सुधार होगा।

पीलिया का इलाज 

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जो लोग वजन कम करने के लिए तरह तरह की डाइटिंग करते हैं, वो अपने आहार में चिचिंडा शामिल करें। चिचिंडा कम कैलोरी वाली सब्जी है, जो बॉडी में फैट नहीं बढ़ने देती और वेट को कंट्रोल करती है।

मोटापे का डर नहीं

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चिचिंडा डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा दिलाता है। बालों में डैंड्रफ होने पर चिचिंडा के पत्तों का यूज किया जाता है, जिसमें एंटी डैंड्रफ एजेंट हैं। तीन बार चिचिंडा के रस को बालों में 15 मिनट लगाकर छोड़ दें और बाद में वॉश कर लें। इससे रूसी से निजात मिलेगा।  

डैंड्रफ से छुटकारा पाएं 

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चिचिंडा की सब्जी बनाकर खा सकती हैं और मूंग की दाल में भी चिचिंडा डालकर आप बना सकते हैं। बेसन में चिचिंडा मिलाकर चीला बनाकर खाएं। चिचिंडा को पकोड़े के रूप में भी खा सकते हैं।   

कैसे खाएं चिचिंडा 

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